Homeकवितारोशनी जिंदगी की…

रोशनी जिंदगी की…

रोशनी जिंदगी की…

रोशनी जिंदगी की…

जिंदगी ना मिलेगी दोबारा. इन्सानियत से रहना फर्ज है हमारा। अगर तुम किसी का दिल भी जलाओगे, रिश्ते दूँट जाऐगे कभी मिला न पाओंगे। हमेशा दूसरों के लिए कुछ करना भी सीख लो. अनमोल है यह जिंदगी सँभालके रख लो। मीठी-मीठी बोली हो अगर हमारी, प्यार से बोलेगी हमे दुनिया भी सारी । कुछ अच्छा करते समय भी ना रुकना, झूठी बातों के सामने कभी मत झुकना।

सच्ची दोस्ती निभाना, कभी वार न करना, दोस्ती के लिए कभी कुछ करार ना करना ।

झूठ कितना भी बडा हो, कभी मत डरना सच्चाई के साथ उसका सामना करना ।

बचपन से जिन्होंने किया तुम्हारा पोषण, उन्हे कभी ना भूलना, उनका नाम करना रोशन ।

कभी मत सीखना किसी का दिल जलाना,

हमेशा दूसरों के चेहरे पे हँसी खिलाना ।

जिनके साथ तुम्हारा बचपन है खिला, दोस्तों के साथ बढकर दुनिया भी दे हिला । हमपे जिनके उपकार है, उन्हे ना भूलना, खुशी के झूले पे तुम हमेशा ही झूलना। जन्म दिया हमे जिन्होंने, वो माँ-बाप है हमारे, क्या चाहेंगे वो दोनो, सिवा भले से तुम्हारे, हमे जन्म देकर उन्होंने, हमेशा किया है एहसान,

उनको मत भूलना तुम, वो है हमारी पहचान । प्यार तो ही अनमोल चीज है दुनियादारी की, प्यार से जीना ही है रोशनी जिंदगी की ।।

. प्रेरणा नवनाथ चोरमले, बारामती…

Bhavnagari
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मी संपादक श्री.संतोष नारायण शिंदे बारामती इंदापूर भिगवन फलटण सातारा सांगली सह संपूर्ण महाराष्ट्र व विविध राज्यातून भारत देशातून दिल्ली मुंबई नागपूर गोवा विदर्भ पश्चिम महाराष्ट्र खानदेश उत्तर प्रदेश बंगाल विविध राज्यातून भावनगरी या वेबपेजच्या माध्यमातून सामाजिक, सार्वजनिक, सांस्कृतिक, क्रीडा, आरोग्यदायी, शेती, विविध विषयक जनहितार्थ वेब पेज पोर्टल वरती लोकहितार्थ बातमी, लेख जनोपयोगी प्रकारचे कथा-कथन कविता, सांस्कृतिक, क्रीडा विविध विषयावरती लेखन या भावनगरी वेब पेजच्या माध्यमातून जनहितार्थ प्रकाशित करत आहे...
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